Nav Bar

Saturday, October 7, 2017

You Will Always Be in My Dreams

To the one who can handle me at my worst and cheer me at best

we got separated yesterday.
She had tears in her eyes
I had pain in my heart
She told 'I love you so much'
I thought 'nobody would love you as I'
She told 'it seems you dont love me'.
I closed my eyes.
She told 'I want to leave'.
I wished if she asked what I wanted
She told 'I will miss you daily'
I expressed with my eyes 'I will more than that'
She said 'promise me, you will take care yourself'
I heard her name in my heartbeat
She showed her diary full of her time with me
I couldn't show the unpublished manuscript of 273 pages based on her
She told how she spent time without me
I smiled thinking name we had decided for our first baby
She waved bye
I hugged her last time
She decapitated words inside her
I thought if it were a dream.
She kept looking the way until I disappeared
I wished she stop me.
She had said 'I will miss you daily'
Now, I get hiccups daily
And strive to publish those now 412 pages.

- Kamal Paneru (Kani)

Thursday, October 5, 2017

अफसाना


अठखेलियाँ करती हुई तुम्हारी यादों की बारिश की कुछ बूँदें
सहसहा टकरा गयी मेरे अंतरमन के किवाड़ों से
मैं एक पल पहले झूमती हुई सी बिखर गयी अगले पल में
बुदबुदाते हुए होठों से फिर मैंने नाम लिया तुम्हारा
और तुम्हारी तस्वीर को सीने से लगा बैठी
अतीत की परछाइयों में कुछ ऐसी खोयी मैं
की खुद की सुधबुध ही भूल बैठी
की तुम्हारा मेरा हाथ पकड़ कर सड़कों में साथ चलना
एक अपनेपन का एहसास करा देता था
तुम्हारे साथ सदियों को चंद लम्हों में बिता लेना
एक अजब सा जादू महसूस होता था तुम्हारी आवाज़ में
कुछ भी तो नहीं भूली हूँ मैं आज भी
वही तुम्हारी बेबाकी, मुझे मीठा सा छेड़ जाना
नजरें बचा कर मुझे इत्मीनान से पहरों तक देखना
नहीं हो साथ फिर भी साथ होने का यकीन दिलाना
मुझे याद है तुम्हारा हर पल को हसीं बनाना
तुम्हारे चले जाने के बाद से
ये घर भी मकान हो गया है
कुछ भूले भटके तुम्हारे लहज़े और सलीके
और कुछ तुम्हारे लौट आने की चरमरायी सी उम्मीदों की दीवारों पर
टिका हुआ है मेरे दिल का सुकून

- कमल पनेरू