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Tuesday, April 2, 2019

तुम्हारा मेरा प्यार

एक अर्से से साथ हैं हम! हाँ हम! मैं और तुम नहीं, हम! रूठना मनाना चलता रहता है! कभी तुम रूठ जाओ तो कभी मैं! हमारा रिश्ता किसी गाड़ी की तरह ही तो है! अगर एक पहिया सड़क से नीचे चला जाये तो दूसरा पहिया गाड़ी को फिर सड़क पर ले आये! कुछ इसी तरह तो हमने अपने रिश्ते की बुनियाद रखी थी कुछ ११ साल पहले! ११ साल निशी! ११ साल! आज शायद पहली बार हमने अपने रिश्ते की उम्र गिनी है! पता ही नहीं लगा कि  कब हमने हँसते खेलते रूठते मनाते ११ साल बिता लिये! मालूम ही नहीं चला की कब तुम और मैं हम बन गये! लोग एक साल में ही बदले बदले नज़र आते हैं मगर मैं तुम्हें ११ साल से देख रहा हूँ! मगर सच कहूँ तो तुम्हारा चेहरा जब हम पहली दफा मिले थे याद है मुझे! मगर उसके बाद आज का ही चेहरा याद आता है! मैंने कभी सोचा ही नहीं कि तुम पांच साल पहले कैसी दिखती थी!
कभी कभी ना तुम गलत होती हो ना मैं, कभी कभी हम दोनों भी गलत होते हैं! मगर यकीन मानो कि कभी कभी वक़्त गलत होता है! वक़्त की मार बहुत बुरी होती है और शायद इस बार इसकी तलवार की नोक पर हमारा रिश्ता है! क्या वक़्त को दोष देना ठीक है? शायद हाँ बिलकुल ठीक है! वरना जिनको कभी मौत अलग नहीं कर सकती उनको ये वक़्त अलग करने का कैसे सोच रहा है? हाँ मानता हूँ मैं नादान हूँ बेवकूफ हूँ, अगर तुम्हारे शब्दों में कहूँ तो ढीठ हूँ मैं! लेकिन यक़ीन मानो जैसा भी हूँ तुम्हारा ही हूँ मैं! तुम्हारे बिना खुद को सोचना जैसे कान्हा के भजन में राधा का न होना, जैसे आसमान में उड़ती पतंग का डोर से जुड़ा ना होना, जैसे मरू में किसी प्यासे का होना, जैसे जल बिना मछली का होना और जैसे बिना बरसात का बादल होना! मगर जब तुम्हारे साथ रहूं तो ऐसा मानो जैसे खुद को पूरा पाना, जैसे अपनी आत्मा से रूबरू होना, जैसे सारे ख्वाब एक पल में पूरे होना, जैसे अब अपने लिए बेफ़िकरा हो जाना, जैसे मालूम होना कि इस अनजान शहर में अकेला ना होना, जैसे हॉस्पिटल में सबसे पहले तुम्हें अपने बगल में मेरा ख्याल रखते हुये पाना, जैसे दुआ क़ुबूल हो जाना और जैसे साँस में साँस और जिंदगी में जिंदगी आना!
अक्सर तुम्हारे चेहरे पर हँसी ले आने के खातिर अपना मजाक बना लेना, अपने पुराने जनम के किस्से तुम्हारे साथ बनाना! जब तुम मुस्कुराओ तो कहना की 'बस यही है जो मुझे तुमसे उम्र भर चाहिये! तुम मुस्कुराती हो तो जैसे मेरी दिन भर की थकान मिट जाती है जैसे मुझे लगता है कि यही मुहब्बत का चरम है!
अभी  हमारा वक़्त की तलवार की नोक पर है इसे भी बचाया जा सकता है और इसे बचाएगा तुम्हारा मुझपे और मेरा तुमपे विश्वास, तुम्हारे और मेरे कभी साथ ना छोड़ के जाने के वो मजबूत इरादे और साथ ही साथ जो सबसे अहम है, हमारा प्यार!

तुम्हारा और सिर्फ तुम्हारा
कमलककड़ी

1 comment:

  1. tumhara or sirf tumhara - huh,,! bkwas log, bkwas blog, or bewafa log!
    ye kya mohaabat karenge, jo brso ke rishte ko ek pal me bhoolkar kisi or ki bahon me jakar baitha ho ~!
    reality to tum bhi jante ho, hm bhi , or khuda bhi !
    tumhare jaise third class log kya janein,, true love , sachi mohabbat ,,
    khell hai wo to tumhare jase skhs ke liye ! kisi ki feelings ko todna , kisi ke dil k sath khelna !
    tumhi jase log ho, jo prem jase pvitr shbd ko apivtra krte ho, kisi ki zindgi khrab karte ho!

    yad rakhna _ jasa dusro ko doge, wasa hi khud par paoge !

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