शायद मालूम नहीं है तुम्हें पर सच कहता हूँ जब जब तुमसे मिलने के बाद बिछड़ता हूँ तो विचारों के भंवर में खुद को उलझा हुआ पाता हूँ! मुहब्बत का कोई रूप नहीं होता मगर इसका एहसास ही है जो हमको जोड़े हुए है! महसूस करता हूँ मैं वो हँसी जो तुम्हारे होंठों पर मुझे मिल कर आती है!
कुछ आरज़ू के तिरपाल हमेशा तुम्हारे इर्द गिर्द मंडराते रहते हैं और लपेट लेते हैं मुझे फिर एक सुकून भरी मुहब्बत के पलों में जहाँ जायका होता है अपनेपन का और साथ ही साथ एक आत्म विश्वास की बेल अपनेआप बढ़ने लगती है! गुमां सा होता है तुम्हें अपने साथ पा कर!
सुनो, तुम खुले बालों में माथे पर एक छोटी सी बिंदी के साथ बहुत खुबसुरत लगती हो! मैंने बताया नहीं तुम्हें कभी! जानती हो क्यूँ? ये एक एहसास है जो मैं खुद से जोड़ कर रखता हूँ और इत्मीनान से इंतज़ार करता हूँ तुम्हें अगली दफ़ा उस रूप में देखने का और खुद की धड़कनो को तुम्हारी धड़कनों के साथ महसूस करने का!
तुम यकीन हो मेरा! तुम हो तो मैं खुद में खुद को देख लेता हूँ ! हाँ मैं बड़े बड़े वादे नहीं करता हूँ तुमसे मगर वो वादे जिनकी अपेक्षा तुमने मुझसे की है वो मैंने खुद से किये हैं!
मैं वैलेंटाइन मनाने वाले आशिक़ों में नहीं हूँ, मैं तो उस बरगद के पेड़ जैसा हूँ जो चाहे कितने तूफ़ान आएं मगर अपनी एक भी टहनी को गिरने नहीं देता है! मैं सर्दियों की शामों में मूंगफली के दानों के लिये हल्का सा झगड़ लेने वालों में से हूँ! जिसे CCD की कॉफ़ी से ज्यादा तुम्हारे साथ कुल्हड़ की चाय पीना पसंद है और भीड़ से भरे मॉल से कहीं दूर शांति से तुम्हारे साथ वक़्त बिताने में सुकून मिलता है!
अधनंगे जिस्मों की नुमाइश तो अक्सर हर मोड़ पर होती है मगर मुझे तो तुम्हारी सादगी पे नाज़ है!
मैं उन आशिक़ों में भी नहीं जो मुहब्बत को नाम दें, आजमाईश को फरमाइश बना दें या अपने साथी को खुश रखने के लिये कुछ भी कर दें! हाँ मगर मैं उनमें जरूर हूँ जो तुम्हे पूरा करता हो, तुम वक़्त ना दे पाओ तो वक़्त को समझे और जो तुमसे फ़िज़ूल की चीज़ों पर झगड़ा ना करे!
हाँ मैं कभी तुम्हारे साथ की तस्वीरें फेसबुक या कहीं और शेयर नहीं करता हूँ मगर इतना जरूर विश्वास दिलाता हूँ जहाँ जहाँ मैंने तुम्हारा जिक्र किया है, मैं कल रहूँ या नहीं, उन जगह से तुम कभी हताश नहीं लौटोगे! नाम नहीं जानते वो तुम्हारा मगर इतना जरूर जानते हैं की जिसके साथ मैं खुश हूँ वो कोई खास ही होगी! और मैं ये दावे के साथ कहता हूँ की हमारे रिश्ते की पीठ पीछे भी उतनी ही इज़्ज़त है वहाँ जितनी मेरे सामने!
मुझे गर्व है तुम पर!
- कमल पनेरू